Examine This Report on भूत की कहानी

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मेरा घर बस थोड़ी ही दुरी पर था। पर अब वो एक दूसरा रास्ता लेके खेतो की तरफ बढ़ने लगा। मैंने उसको कहा अरे भाई कहा जा रहे है हो, कब से देख रहा हूँ, बड़े ही चुप हो और ये खेतो की तरफ कहा जा रहे हो?

एक बार उन भूतों का गुरु उनसे मिलने आता है। सभी भूतों को दुबला पतला व कमजोर देखकर वह उनकी दुर्दशा का कारण पूछता है। भूतों से पूरा वृतांत सुनकर गुरु पहलवान को सबक सिखाने की ठानता है और उसके घर की ओर चल पड़ता है। भूतों का गुरु एक बिल्ली का रूप धारण कर पहलवान पर हमला करने की योजना बनाता है। उन दिनों पहलवान के घर में रोज़ एक बिल्ली रसोई में घुसकर सारा दूध पी जाती थी, जिससे वह काफी परेशान था। उस दिन पहलवान भी उस बिल्ली को सबक सिखाने के लिए दरवाजे के पीछे छिपकर बिल्ली का इंतजार कर रहा होता है। जैसे ही बिल्ली के रूप में भूतों का गुरु कमरे में प्रवेश करता है पहलवान उस पर प्रहार कर देता है।

मुखिया जी गांव के कुछ लोगों के साथ उस कुएं के पास जाते हैं वह जाकर देखते हैं कि कुआं पूरा पानी से भरा हुआ है .

एक दिन भूतों के गुरुजी सभी भूतों से मिलने पीपल के पेड़ पर आते है। सभी भूतों को दुबला पतला देखकर उनसे कारण पूछते है। 

मोहन का पूरी दुनिया में कोई नहीं था तो उम्र बढ़ने के साथ उसे अपनी शादी की चिंता सताने लगी थी। इसलिए, वह अक्सर लोगों से पूछा करता था कि उसकी शादी कहां और किससे होगी?

उसके बाद से, गाँववाले भूत की कहानी में यह नया दृष्टिकोण लाए और उन्होंने उस आदमी और महिला के साथ अच्छे संबंध बनाए। यह कहानी बताती है कि कभी-कभी हमें विश्वास करने से पहले और लोगों को अच्छे से जानने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि सत्य हमेशा अनछुपा होता है।

रात का समय था। बस ने मुझे गाँव के बाहर उतारा था क्योंकि सड़क गाँव से बाहर की ओर थी और मेरा घर गाँव के काफी अन्दर था। पर इससे मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता क्योंकि पहले भी मैं बहुत-सी बार सफ़र कर चुका हूँ। पर इस बार मैं काफ़ी देर रात गाँव में पहुँचा था। मैंने अपना सामान उतारा और उसे उठा कर अपने घर की तरफ बढ़ा। उस समय रात के लगभग साढ़े बारह बजे थे।

बचपन में अगर मई bhoot ki kahani सुन get more info लेता था तो डर के मारे दो तीन दिन तक अकेले रात को घर से बाहर नहीं निकलता था। और जब भी मई कोई सरारत करता था तो मम्मी मुझे भुत की कहानी सुनाने का डर दिखती थी ताकि मई सरारत करना बंद कर दू। इसी तरह आजकल के बच्चों को काबू करने के लिए horror stories for children in hindi सुनाना चाहिए। इस लेख में हमने बहोत सारि horror stories in hindi या ghost story for teenagers का बर्णन किया है, जिसे पढ़कर आपको मजा आएगा। और आप इसे अपने बच्चों को सुनाकर उसे काबू कर सकते है। तो निचे दिए गए Bhooto Ki Kahaniya पड़ना आरम्भ कीजिये।

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राजू का खिलौना गाँववालों को भी प्रभावित कर गया, और उन्होंने समझा कि खुशी और सफलता एक आत्मिक स्थिति से आती हैं, न कि बाह्यिक वस्त्रों या वस्तुओं से। गाँव में एक नई आत्मा और सोच का उत्थान हुआ, जिसमें सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशहाल जीवन बिता रहे थे।

पहलवान भूतों काडटकर सामना करता है। किसी भूत का सर फटा हुआ था, किसी भूत का हाथ टूटा हुआ था, किसी का पैर टूटा हुआ था, सभी भूत लाइन से खड़े हुए थे। और माफी पहलवान से माफी मांगने लग रहे थे। 

आशा करते है कि, आपको यह पोस्त भूत की कहानी डरावनी पसन्द आयी होगी। अगर हा , तो इसे अपने दोस्तो और परिवार के साथ शेयर जरुर करे ।

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